राजस्थान की महिलाएं घूँघट से निकल अब बन सकती है व्यापारी, जानें!! महिलाओं की सरकारी योजनाएं

नारी थारी महिमा भारी,
शक्ति अपरंपार है।
घुंघट हटाओ संकोच मिटाओ,
आगे बढ़ने में ही अब सार है।

दोस्तों नमस्कार।
दोस्तों आज मैं आपको नारी शक्ति से संबंधित अधिकारों की, उनकी कठिनाइयों की और उनके सामने आ रही परेशानियों की बातों से रूबरू करवा रहा हूं। इसके लिए मैं आपको महिला विकास विभाग में ले चल रहा हूं।

महिला विकास विभाग, झुंझुनू के उपनिदेशक विप्लव न्योला ने आदर्श से बात करते हुए बताया कि हमारे विभाग का मुख्य उद्देश्य ही महिला के सर्वांगीण विकास के लिए है। जैसे सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक विकास किस प्रकार किया जाए।

सामाजिक सशक्तिकरण।
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सामाजिक सशक्तिकरण के अंदर समाज में व्याप्त बुराइयों का छोड़ने से है। जैसे पर्दा प्रथा, अंधविश्वास आदि। घुंघट मुक्त राजस्थान और घुंघट मुक्त झुंझुनू का अभियान चलाया हुआ है, इसमें महिलाएं घूंघट प्रथा को छोड़कर आगे आए और समाज की मुख्यधारा से जुड़े।

घूंघट मुक्त झुंझुनू के लिए प्रत्येक शुक्रवार को गांव वाइज, पंचायत वाइज एक जागरण मीटिंग का आयोजन किया जाता है। जिसमें उनको इस घुंघट प्रथा से बाहर आने हेतु प्रेरित किया जाता है, शिक्षित किया जाता है।

माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा इंदिरा गांधी शक्ति निधि योजना चलाई गई है। जिसके अंदर महिलाओं को कंप्यूटर की शिक्षा, कंप्यूटर अकाउंटेंसी की शिक्षा दी जाती है। यह ट्रेनिंग निशुल्क दी जाती है। पंचायत स्तर पर या बड़े गांव के स्तर पर जहां 30 महिलाओं का समूह पूरा हो जाता है। तो उनकी ट्रेनिंग किसी भी प्रशिक्षित व्यक्ति से चालू करवा दी जाती है।

इनमें प्रशिक्षित होने के बाद में महिलाओं के लिए किसी भी क्षेत्र में रोजगार हेतु, जिसके अंदर वह अपना उद्योग या कोई कार्य करना चाहती हैं तो 50 लाख से एक करोड़ तक का लोन दिया जाता है। जिसमें 30 से 35% तक सब्सिडी दी जाती है। इसको कोई भी महिला कर सकती है।

इस योजना के अंतर्गत उत्पादन, उद्योग, व्यापार तथा सेवाए सभी शामिल की गई है। अपने पुराने व्यापार का यदि विस्तार करना हो, तो वह भी इसके अंदर शामिल है। इस क्षेत्र में अच्छा काम करने पर महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार या इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

महिला सुरक्षा योजना।
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इसमें पीड़ित महिला के लिए हमारा विभाग दो प्रकार से उनकी सहायता करता है। पहला महिला सुरक्षा जिसमें हमारा एक व्यक्ति महिला थाने में रहता है। जो महिलाओं के पारिवारिक आपसी मत भेद को समझाइश के द्वारा सही करवाता है या नहीं होने पर उनकी हेल्प करता है। दूसरा सखी वन स्टॉप सेंटर में महिला के किसी भी प्रकार से पीड़ित होने पर सहायता की जाती है। 01592 232453 नंबर 24 घंटे महिलाओं की सहायता के लिए चालू हैं। बी डी के हॉस्पिटल में हमारा एक आदमी 24 घंटे उनकी सेवा हेतु कार्य करता है।

इसके अलावा राशन डीलरशिप का कार्य यदि कोई महिला करना चाहती है तो वह भी प्रायरिटी के हिसाब से कर सकती है। ग्रामीण क्षेत्र में यदि कोई महिला राशन डीलर शिप का कार्य करना चाहती है तो उसको ₹75000 रू सब्सिडी के रूप में मिलते हैं। जिससे वह अपनी दुकान का प्रॉपर रंग कर सकें।

स्वयं सहायता समूह भी हमारे विभाग का एक बहुत बड़ा मैंडेट है। जिसके अंदर महिलाएं समूह में मिलकर कार्य कर सकें। असंगठित क्षेत्र की महिलाओं के लिए जिला स्तरीय समाधान समिति बनाई गई है, जिसमें उनके किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर समाधान किया जाता है। अभी दो नई योजनाएं और शुरू की गई है। पहली उड़ान, जिसके अंदर प्रत्येक महिला को बारह सैनिटरी पेड्स, स्कूल के द्वारा या आंगनबाड़ी के द्वारा उसके घर पर पहुंचाए जाएंगे। दूसरा इंदिरा महिला शक्ति केंद्र जिसके अंदर महिलाओं को उनके अधिकारों हेतु जागरूक करना है।

झलको झुंझुनू का जन जन तक इन बातों को पहुंचाने के लिए शुक्रिया अदा किया। और बताया कि आज व्यक्ति को नॉलेज नहीं है। इसलिए उसको नॉलेज होना बहुत जरूरी है। चाहे वह सरकारी सेवा में जाए या अपना निजी उद्योग या सेवा के क्षेत्र में जाए।

अपने विचार।
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दुर्गा लक्ष्मी सरस्वती तू,
क्यों कायर है बनी हुई।
घूंघट उठा कर बाहर निकल,
तू बहादुर मां की जनी हुई।

विद्याधर तेतरवाल,
मोतीसर।

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