पुलिस का फर्ज निभाते जाबांज़ कमांडो महबूब खान के हौसले व जज्बे के आगे लकवे की बीमारी ने टेके घुटने

हम आपको कई बार ऐसे व्यक्तियों की कहानियां बता चुके हैं जो अकेले कई लाखों को प्रेरित कर रहे हैं या कर सकते हैं। आज हम आपको कहानी एक ऐसे कमांडो की बताएंगे जो शरीर से जरूर थोड़े कमजोर पड़ गए लेकिन उनका दिमाग और जज्बा आज भी देश सेवा में है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के जिला झुंझुनू के मंडावा निवासी राजस्थान पुलिस में कमांडो महबूब खान की।

दरअसल महबूब खान साल 2015 सितंबर महीने में लकवे से ग्रस्त हो गए। लकवा इतना भयंकर था कि उनके दिल और दिमाग में इसका असर पड़ा। 45 दिन तक वह दुर्लभजी अस्पताल जयपुर में भर्ती रहे, 25 दिन तक वह कोमा में रहे। इस बीमारी से उबरने के लिए उन्हें 2 साल लग गए। लेकिन जब वह वापस लौटे तो राजस्थान पुलिस में जनता की सेवा के लिए हाजिर हो गए।

पुलिस कमांडो महबूब खान की पूरी कहानी आपको बताएं तो वह राजस्थान झुंझुनू के मंडावा निवासी हैं और इस समय राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर के झोटवाड़ा थाना खेनी फाटक पर ड्यूटी कर रहे हैं। साल 1985 में वह राजस्थान पुलिस में भर्ती हुए। साल 1987 में उन्होंने आइटीबीपी मसूरी के कैम्प में जाकर कमांडो की ट्रेनिंग पूरी की। इसके बाद वह जनता की सेवा के लिए हाजिर हो गए। वह हमेशा फुर्तीले और निडर जवान के तौर पर विभाग में जाने जाते हैं।

2015 में लगा बड़ा झटका

लेकिन साल 2015 में अचानक उन्हें लकवे की बीमारी हो गई। 2 साल उन्हें इस बीमारी से उभरने में लग गए। लेकिन महबूब खान बताते हैं कि फिजियोथैरेपिस्ट और कमांडो के दौरान बताई गई एक्सरसाइज ने उन्हें बीमारी से उबरने के लिए बेहद मदद की और वह जल्दी से रिकवर हो गए। रिकवरी के बाद एक बार फिर वह ड्यूटी पर तैनात हो गए और जनता की सेवा करने लगे। आज भी कोरोनावायरस महामारी के बीच वह सुबह 8:00 बजे से रात 8:00 बजे तक ड्यूटी कर रहे हैं। उनका मानना है कि उनका भले ही उनका शरीर थोड़ा कम फुर्तीला हो गया है,लेकिन उनका दिमाग आज भी कमांडो वाला है।

कसम खाई थी हर हाल में करेंगे सेवा

वह कहते है कि जब उन्होंने वर्दी पहनी थी तो कसम खाई थी कि हर हाल में देश और जनता की सेवा करेंगे। बस इसीलिए आज भी महामारी के दौरान जनता की सेवा के लिए हाजिर है। आपको बताते चलें कि महबूब खान का बाएं तरफ का शरीर आज भी काम नहीं करता। वह ढंग से चल भी नहीं पाते, चलने के लिए उन्हें सहारे की जरूरत पड़ती है। वह हर वक्त दवाइयां अपने साथ रखते हैं और चलने फिरने के लिए लकड़ी का प्रयोग करते हैं।

कई बड़े अधिकारियों की कर चुके है सुरक्षा

कमांडो महबूब खान की पुलिस विभाग की सर्विस के दौरान उन्होंने कई बड़े बड़े अधिकारियों की सुरक्षा भी की है। 14 साल तक वह आईपीएस अधिकारियों के लिए कार्य किया है। महबूब खान बताते हैं कि उन्होंने जयपुर रेंज के द्वितीय डीआईजी पुखराज सीरवी, संपत राम,  कपिल गर्ग,आरएस ढिल्लो, आईजी एसएन जैन, ओपी गलहोत्रा समेत कई बड़े अधिकारियों की सुरक्षा भी की है। वहीं महबूब खान हाई कोर्ट के जज की भी सिक्योरिटी का जिम्मा संभाल चुके हैं।

वह कहते हैं कि वह एक फुर्तीला जवान थे और आज भी उसी फुर्ती के साथ जनता की सेवा के लिए हर वक्त हर समय तैयार है। उन्हें अपनी जान की नहीं लोगों की चिंता है।

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