झुंझुनूं की बेटी मुक्ता बनी RAS टॉपर, 10 साल निजी क्षेत्र में की नौकरी, शादी के 14 साल बाद पूरा किया सपना

राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आरएएस (RAS) भर्ती परीक्षा 2018 का परिणाम जारी कर दिया है और इस बार झुंझुनूं जिले ने एक बार फिर राजस्थान में अपना परचम लहराया है। झुंझुनूं की मुक्ता राव ने राज्य में टॉप किया है। मंगलवार रात आरपीएससी ने परिणाम जारी किया।

देश के लिए जवान पैदा करने वाली फैक्ट्री कहे जाने वाले झुंझुनूं जिले का नाम एक बार फिर चिड़ावा की बेटी मुक्ता राव ने देशभर में रोशन किया है। आइए जनते हैं कैसा रहा मुक्ता का सफर और इस मुकाम को हासिल करने में उन्होंने किन परेशानियों का सामना किया।

राजस्थान विश्वविद्यालय में रही टॉपर

मुक्ता राव ने की स्कूली शिक्षा चिड़ावा के डालमिया स्कूल से हुई। स्कूल के बाद चिड़ावा कॉलेज से बीएएसी की डिग्री हासिल कर राजस्थान यूनिवर्सिटी से एमसीए किया जहां वो पूरे राजस्थान में टॉपर रही।

मुक्ता के पिता महेन्द्र सिंह किसानी का काम करते हैं और मां मंजू देवी का कुछ समय पहले निधन हो चुका है। मुक्ता का ससुराल सीकर जिले के नेतड़वास गांव में है।

लाखों की प्राइवेट सेक्टर नौकरी छोड़ी

मुक्ता ने एमसीएम के बाद 10 साल तक आईटी सेक्टर में काम किया है जहां वो मोहाली, गुरुग्राम व मैसूर जैसी जगहों पर रही। हमेशा से आरएएस का सपना देखने वाली मुक्ता ने 2015 में नौकरी छोड़ परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। 2016 में मुक्ता ने RAS में 848वीं रैंक हासिल की लेकिन हार नहीं मानी और प्रयास जारी रखे। वह हर दिन चार से पांच घंटे पढ़ाई करती थी।

शादी के बाद कुछ भी संभव है : मुक्ता

मुक्ता की शादी को 14 साल हो गए और उनका एक 10 साल का बेटा है लेकिन उन्होंने कभी अपने लक्ष्य से ध्यान नहीं भटकाया। मुक्ता कहती है कि शादी के बाद भी आप सपनों को पूरा कर सकते हैं।

मुक्ता ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें तैयारी के दौरान उनके परिवार ने पूरा सहयोग किया। वहीं वह स्वामी विवेकानंद को अपने जीवन में अहम मानती है। मुक्ता कहती है कि स्वामी विवेकानंद का ध्येय वाक्य ‘उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक सफलता नहीं मिल जाए ’ मुझे लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए ताकत देता है।

दादा ने लड़ी थी आजादी की जंग

मुक्ता के दादा रक्षपाल सिंह राव स्वतंत्रता सेनानी थे जो आजादी की जंग में देश के लिए लड़े थे। अब उनकी पौत्री मुक्ता प्रशासनिक सेवाओं के जरिए अपना योगदान देंगी।

वहीं मुक्ता के पति मणिपाल यूनिवर्सिटी में कम्प्यूटर साइंस विभाग के हेड हैं। आपको बता दें कि आरएएस परीक्षा में मुक्ता की बहन के पति ने भी सफलता हासिल की है। मुक्ता अब राज्य के सरकारी महकमे में काम कर चाहती हैं कि वह सूबे के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी सेवाओं का लाभ पहुंचा सके।

आरएएस परिणाम में झुंझुनूं फिर छाया

वहीं आरएएस 2018 के परिणामों में झुंझुनूं के बेटे निखिल पोद्दार ने भी चौथी रैंक हासिल की है। मूल रूप से गुढ़ागौडज़ी के रहने वाले निखिल के पिता हार्डवेयर का व्यापार करते हैं। आपको बता दें कि झुंझनूं राज्य में ऐसा जिला बनकर उभरा है जहां के दो लाडलों ने इस बार टॉप 10 में जगह बनाई है।

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