दुश्मनों को आखिरी सांस तक खदेड़ने वाले खूमाराम बिश्नोई, 19 साल की उम्र में हुए थे सेना में भर्ती

वीरों की धरती राजस्थान के जोधपुर जिले के गावों से कई जाबांज निकले जिन्होंने समय-समय पर देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाई। ऐसे ही एक जवान जिले के ओसियां क्षेत्र के भाखरी गांव के रहने वाले थे जो 1965 के भारत-पाक युद्द में शहीदी को प्राप्त हुए।

हम बात कर रहे हैं भाखरी निवासी खुमाराम की जिनका बीते साल 56 सालों बाद शहीद स्मारक उनके गांव में लगाया गया।

19 साल की उम्र में हुए थे सेना में भर्ती

शहीद खूमाराम का जन्म भाखरी गांव के किसान मुकनाराम के घर हुआ जहां से वह महज 19 साल की उम्र में ही पांचवीं जाट रेजीमेंट में भर्ती हो गए। 1962 में जब भारत की चीन से जंग हुई तब खूमाराम जम्मू कश्मीर बॉर्डर पर तैनात थे।

वहीं भारत-पाक सीमा पर तैनाती के दौरान 1965 के भारत पाक युद्ध में जाट रेजीमेंट ने 11 जुलाई 1965 को पाकिस्तान के फलोरा शहर पर कब्जा कर लिया था।

इसी दौरान भाखरी के जांबाज खूमाराम गोदारा अपने 44 सैनिक साथियों के साथ मातृभूमि की रक्षा करते रहे और आखिरकार शहीद गो गए। बताया जाता है कि इस जंग में जाट रेजीमेंट ने पाकिस्तान के 200 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था।

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