बेसहारा पशुओं की मसीहा कोटा की रिटायर्ड मेजर प्रमिला सिंह, पीएम मोदी ने की पत्र लिखकर तारीफ

कोरोना काल को एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद अब हम जब पीछे मुड़कर देखते हैं तो हमें मानवता की मिसाल पेश करने वाली अनेकों कहानियां मिलती हैं जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान घरों में ना बैठते हुए सड़कों पर उतर कर मदद का हाथ आगे बढ़ाया।

ऐसी ही एक प्रेरणादायी कहानी राजस्थान के कोटा से हैं जहां भारतीय सेना से मेजर के पद से सेवानिवृत्त हुई प्रमिला सिंह ने अपने पिता श्यामवीर सिंह राठौड़ के साथ मिलकर सैकड़ों बेजुबान और बेसहारा जानवरों की सेवा की।

प्रधानमंत्री ने तारीफ करते हुए लिखा पत्र

हाल में पीएम मोदी ने प्रमिला के दयाभाव और सेवाकार्यों की सराहना करते हुए एक पत्र लिखा जिसमें उन्हें समाज के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बताया। प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि पिछले करीब डेढ़ साल में इस देश ने कई विकट परिस्थितियों का सामना किया जिसमें कुछ लोगों का ऐसा योगदान है जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है।

पीएम ने कहा कि सिंह ने बेजुबां जानवरों का दु:ख-दर्द समझते हुए उनकी मदद की। मेजर प्रमिला ने अपने पिता के साथ मिलकर आवारा घूम रहे जानवरों के खान-पान और उपचार की व्यवस्था की। मोदी ने आगे कहा कि कोरोनाकाल के दौरान मेजर जैसी और भी कई शखस्यित है जिनका काम सराहनीय है।

वहीं पीएम ने आगे उम्मीद जताते हुए कहा कि मेजर प्रमिला और उनके पिताजी इसी तरह समाज में जागरुकता फैलाने का काम करते रहें। आपको बता दें कि इससे पहले मेजर प्रमिला सिंह ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा था जिसमें बताया गया था कि उन्होंने लॉकडाउन के असहाय जानवरों की मदद करना शुरू किया जो आजतक निरंतर जारी है।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने की काम की सराहना

वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी मेजर प्रमिला राठौड़ को उनके काम के लिए बधाई दी. बिरला ने कहा कि वह बेसहारा जीवों की जरूरतें पूरी करने के लिए आगे आई जो वाकई प्रशंसनीय है।

फिलहाल असम में बिल्लियों की कर रही है रखवाली

रिटायर्ड मेजर प्रमिला सिंह अपने परिवार के साथ असम के तेजपुर जिले में रहती है जहां वह बिल्लियों की देखभाल में जुटी हुई हैं. बीमार बिल्लियों के खाने से लेकर इलाज तक की व्यवस्थाएं वे कर रही हैं. मेजर प्रमिला सिंह ने 2019 तक आर्मी में अपनी सेवाएं दी जिसके बाद पति के व्यापार में होने के चलते वह सेवानिवृत हो गई।

कहां से आया सेवा करने का यह जज्बा

मेजर प्रमिला सिंह बताती है कि वह अपने पिता के साथ बीते 33 सालों से स्ट्रीट डॉग्स की देखभाल कर रही है। वह बताती है कि सड़क पर जब भी उन्हें कोई घायल जानवर दिखाई देता है वह उसे घर लाकर उसका इलाज करती है।

आपको बता दें कि कोरोना काल के दौरान प्रमिला ने जिला प्रशासन से अनुमति लेकर पूरे लॉकडाउन में कई घायल जानवरों का इलाज करवाने के साथ ही खाना उपलब्ध करवाया।

Add Comment

   
    >