जगत के सबसे बड़े दानी ‘जगत मामा’ जिन्होंने शिक्षा के लिए किया सब कुछ न्यौछावर

इस मतलबी दुनिया में जहा अपने परिवार के लोग अपने नही होते, समाज की तो बात ही छोडिए। इसी दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी होते है  जो अपना सारा जीवन समाज की अच्छाई और उन्नति के लिए न्योछावर कर देते है। जिनके बारे में आपको हम बताने जा रहे है वो खुद पढे लिखे नही है ।

लेकिन उन्होंने अपना सब कुछ शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए न्यौछावर कर दिया । ये कहानी है, राजस्थान (Rajasthan) के नागौर (Nagaur) जिले के जायल (Jayal) कस्बे में रहने वाले पूर्णाराम गोदारा की।

जिन्होंने अपना सबकुछ बच्चों की शिक्षा पर न्यौछावर कर दिया। गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। वो पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पूर्णाराम गोदारा गुरुवार को 90 वर्ष की आयु में इस दुनिया को छोड़ गए। पूर्णाराम गोदारा (Purnaram Godara) ने जीवनभर अकेले रहने की प्रतिज्ञा की और शादी नहीं की।

लेकिन उन्होंने हर बच्चे को अपना भांजा माना और उनकी मां को अपनी बहन। पूर्णाराम गोदारा अपने जीवन काल में हर किसी को “भाणू” ही कहकर पुकारते थे। इसलिए सभी उन्हें जगत मामा ही कहते थे। पूर्णाराम गोदारा जगत मामा (Jagat Mama) के नाम से प्रसिद्ध थे ।

4 करोड़ रुपये और 300 बीघा जमीन की दान

पूर्णाराम गोदारा का शुरू से ही स्कूली बच्चों से प्रेम-स्नेह था। अपने जीवन काल में पूर्णाराम गोदारा ने शिक्षा में खूब दान किया। उन्होंने स्कूली बच्चों को 4 करोड़ के नगद इनाम बांटे तो वहीं अपनी 300 बीघा पुश्तैनी जमीन भी जगत मामा ने स्कूलों, ट्रस्ट और गौशाला के नाम कर दी हैं। कहते हैं, पूर्णाराम जब कभी घर से बाहर निकलते तो बिना बुलाए ही नागौर के किसी भी स्कूल में चले जाते और वहां जाकर होनहार बच्चों को नकद पुरस्कार देते।

अगर कहीं बच्चों की कोई प्रतियोगिता आयोजित होती तो वहां पहुंचकर अपनी तरफ से स्कूली बच्चों के लिए हलवा, पूरी, खीर बनवाते। पूर्णाराम गोदारा खुद साधारण साधु की तरह ही रहते थे। हल्की फटी धोती, सफेद कुर्ता, सर पर साफा और रुपयों से भरा थैला लिए वह हर रोज किसी ना किसी सरकारी स्कूलों में जाकर वहां बच्चों को पैसे और शिक्षण सामग्री बांटते थे।

जगत मामा के जाने से गमगीन हुए लोग

जगत मामा निधन के समाचार सुनते ही पूरे नागौर जिले सहित अजमेर में शोक की लहर दौड़ पड़ी।वहीं नागौर के सभी राजनेताओं से लेकर आम व्यक्ति ने जगत मामा के निधन पर संवेदना जाहिर की। उनके चले जाने पर लोगों ने आंसू बहाए।

खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने राजकीय महाविद्यालय जायल का नामकरण जगत मामा के नाम करने हेतु CM अशोक गहलोत को पत्र लिखा :

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