नागौर की बेटी ने भरी ऊंची उड़ान, 20 साल की उम्र में मोनिका बनी कमर्शियल पायलट

हमारे समाज ने लड़कियों को हमेशा से ही कम आंका है लेकिन लड़कियों ने समय-समय पर अपनी मेहनत से समाज की हर उलाहना और जड़ित सोच पर चोट की है। ऐसी ही एक कहानी है नागौर की रहने वाली मोनिका चौधरी की जिन्होंने एक गांव से निकलकर कमर्शियल पायलट बनने का गौरव हासिल किया है। मोनिका के लिए यह सफर आसान नहीं रहा उन्होंने कई चुनौतियों को पार कर यह मुकाम बनाया है।

नागौर के मेडास ग्राम पंचायत के लाडवा गांव में पैदा हुई मोनिका आज भविष्य में कई लड़कियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत जो 20 साल की उम्र में व्यावसायिक उड़ान भरने वाली तहसील की पहली महिला बन गई है।

मोनिका का जन्म एक किसान परिवार में हुआ, उनके पिता का नाम प्रकाश चौधरी है जो कर्नाटक में व्यापार करते हैं। बचपन से ही पायलट बनने का सपना देखने वाली मोनिका ने शुरूआती पढ़ाई बेंगलूरू के दिल्ली पब्लिक स्कूल से पूरी हुई जिसके बाद उनका कर्नाटक की राजकीय एविएशन अकादमी में पायलट की ट्रेनिंग के लिए चयन हो गया।

अकादमी में मोनिका ने सिंगल इंजर एयरक्राफ्ट की 50 घंटे की उड़ान की ट्रेनिंग ली। वहीं मोनिका को 100 घंटे अकेले लोकल और क्रॉस कंट्री फ्लाइंग का भी अनुभव है।

मोनिका ने अकादमी से निकलने के बाद राजीव गांधी एविएशन अकादमी हैदराबाद से फ्लाइंग कर 2 साल की ट्रेनिंग पूरी की और लाइसेंस प्राप्त किया। मोनिका कहती है कि मैं सपनों की उड़ान भरने जा रही हूं, ये वही सपना होगा जिसे कभी मेरे माता-पिता ने देखा था और आज उसे मैं पूरा कर रही हूं।

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