जिस बेटी को जन्म लेते ही जमीन में जिंदा गा’ड़ दिया,बाद में बनी मशहूर कालबेलिया डांसर और पद्मश्री

आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी सुनाएंगे जिसे एक वक्त पर उसके परिवार वालों ने मा’ रने तक की सोच ली थी। लेकिन जब वह बच गई तो उसने अपना नाम पूरी दुनिया में कर लिया। हम बात कर रहे हैं राजस्थान की गुलाबो सपेरा की। गुलाबो सपेरा आज दुनिया का जाना माना नाम है, लेकिन जब आप उनकी कहानी सुनेंगे तो शायद आपकी आंखे भर आएगी। उनकी दर्द भरी कहानी से प्रेरणा लेकर के हमें भी उनकी तरह जीवन में आगे बढ़ने की सोचनी चाहिए।

आइए जानते हैं गुलाबो सपेरा की कहानी के बारे में, गुलाबो सपेरा का जन्म 1960 में राजस्थान में हुआ। जब वह पैदा हुई तो उनके घर में पैदा होने वाली वह चौथी बेटी थी, जिसके बाद उनके परिवार वालों ने उन्हें जिं’दा जमीन में द’ फना दिया। राजस्थान में लड़का लड़की का भेदभाव बहुत ज्यादा देखा जाता था, लेकिन धीरे-धीरे यह परिस्थितियां बदल रही है। जब गुलाबो पैदा हुई तब घरवालों ने उन्हें जिंदा जमी’न पर द’ फना दिया था। लेकिन उनके लिए अवतार साबित हुई उनकी मौसी, उनकी मौसी ने किसी तरीके से उनको बचाया और जमीन से निकाला। गुलाबों के पिता गुलाबों को हमेशा से ही अपनी बेटी को चाहते थे। वह उसे अपनी जान से ज्यादा प्यार करते थे, अपनी बेटी को उन्होंने कामयाब बनाने की ठानी।

गुलाबो सपेरा की बात करें तो उनका नाम सपेरा इसलिए पड़ा क्योंकि राजस्थान में कालबेलिया एक फेमस नृत्य है। साथ ही कालबेलिया राजस्थान का एक समुदाय है, यह लोग सपेरे होते हैं। इसी के चलते गुलाबों के पिता बीन बजाया करते थे और गुलाबो सां’प के संग नाचा करती थी। वह बीन पर सांप की तरह की नृत्य करती थी, जिसके बाद उनका नाम गुलाबो सपेरा पड़ गया। राजस्थान का कालबेलिया नृत्य एक मशहूर नृत्य है और गुलाबो एक मशहूर कालबेलिया डांसर के तौर पर जानी जाती है। जिस बच्ची को घर वाले मारने पर तुले थे, उसने केवल 17 वर्ष की आयु में पहली अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुति की थी।

साल 1986 में उन्होंने फेस्टिवल ऑफ इंडिया में प्रस्तुति की यह अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में हुआ था, इस कार्यक्रम में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम के बाद राजीव गांधी ने गुलाबों को अपनी बहन बना लिया था।

गुलाबो टीवी सीरियल बिग बॉस में भी नजर आ चुकी है, बिग बॉस के पांचवे संस्करण में हिस्सा ले चुकी है। उसी के बाद बॉलीवुड के डायरेक्टर कि उन पर नजर पड़ी और उन्होंने गुलामी और बटवारा जैसी फिल्मों में भी काम किया है। गुलाबो आज दुनिया का जाना माना नाम है। उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान में से एक पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। वाकई गुलाबो राजस्थान की हर बेटी के लिए प्रेरणा है। उन्होंने अपने हुनर और अपनी कामयाबी से उन सभी लोगों को जवाब दे दिया जो बेटी होने पर दुख जताते हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि बेटा-बेटी एक बराबर है। बल्कि बेटियां बेटों से कहीं गुना ज्यादा अच्छी है और वह भी हर क्षेत्र में अपना नाम कर सकती हैं।

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