सब जगहों से हताश शख्स ने खेती में हाथ आजमाया, अब विदेशी कंपनियों के लिए करता है आलू की बुवाई

Rajasthan: राजस्थान का नाम जब भी सुनते हैं तो दिमाग में रेत, सूखा और पानी की समस्याएं इत्यादि आने लगती हैं। लेकिन साथियों राजस्थान इससे कुछ हटकर है। यहां की जलवायु, रौनक और खूबसूरती बेहद खास है। यही कारण है कि यहां पर्यटकों का तांता रोकते नहीं रुकता। वहीं अगर यहां की खेतीबाड़ी की बात करें तो बता दें, राजस्थान में असंख्य ऐसे किसान हैं, जिनकी खेती के चर्चे न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी खूब हो रहे हैं।

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इन्हीं में शुमार हैं। बाड़मेर (Barmer) जिले के तारतारा गांव के रहने वाले विक्रम सिंह (Vikram Singh From Barmer)। विक्रम एक युवा किसान हैं, जिन्होंने विदेशी कंपनी से समझौता कर नई तकनीक के जरिए आलू बोना शुरू किया है। इनके आलुओं का इस्तेमाल विदेशों में फ्रेंच फ्राइज बनाने के लिए किया जाना है। बुवाई की तकनीक को देखने के लिए लोगों का जमघट जम रहा है।

वैसे तो राजस्थान (Rajasthan) के सीमावर्ती इलाकों के खेतों में बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार और जीरे की बुवाई की जाती रही है। लेकिन विक्रम यहां आलू की खेती कर राजस्थान की मिट्ठी में एक अलग और नया अध्याय जोड़ने जा रहे हैं। विक्रम किसानी से पहले वकीली और पत्रकारिता के क्षेत्र में भी हाथ आजमा चुके हैं।  चारों ओर से विफल होकर विक्रम सिंह अपने गांव में आएं और खेती शुरू की। उनके पास 25 एकड़ जमीन है। जिसमें उन्होंने आलुओं की बुवाई कर दी। इसके बाद तो उनके आलुओं की डिमांड ऐसे बड़ी की विदेशी कंपनियों ने भी उनसे संपर्क साधना शुरू किया। इसी में शामिल है एक मैकने फूड़्स, जिनके लिए विक्रम आलू की बुवाई कर रहे हैं।

विक्रम सिंह इस बीच खूब चर्चा में है। वह बताते हैं कि खेत की 25 एकड़ जमीन में आलू की बुवाई की गई है। मैकने कंपनी ने आलू के 32,500 किलोग्राम बीज उपलब्ध करवाए हैं। उसी को आधार बनाकर 25 एकड़ जमीन पर कंपनी के सहयोग से खेती शुरू की। कंपनी के दिशानिर्देश (Rajasthan) पर काम करते हुए खेती जारी रखी गई और आलू की खूब पैदावर हो रही है।

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