चौथी पास किसान मदनलाल कुमावत का कमाल, 7 साल की कड़ी मेहनत से बनाया थ्रेशर

किसी भी नई खोज और नई तकनीक के लिए पढ़ाई और डिग्री की जरूरत नहीं होती है। हुनर और मेहनत से भी कमाल किया जा सकता है। इस बात को साबित कर दिखाया है किसान वैज्ञानिक के नाम से मशहूर सीकर के मदन लाल कुमावत ने जिनका कुछ समय पहले बनाया हुआ एक थ्रेशर काफी चर्चा में रहा।

बालमुकुंद पुर गांव के रहने वाले मदन लाल केवल 3 या 4 कक्षा तक ही स्कूल जा पाए लेकिन हमेशा से कुछ अलग और नया करने की सोचते हैं।

दरअसल थ्रेशर ऐसी मशीन होती है जिसके माध्यम से फसलों को साफ किया जाता है मदन लाल कुमावत ने 1990 से 1997 तक इसके ऊपर काम किया और सीखते-सीखते अपनी मेहनत से थ्रेशर की खोज की और बना दिया। आज उनकी बनाई मशीन के तहत अनाज, दलहन, मूंगफली आदि फसलों को साफ किया जाता है।

मदनलाल द्वारा बनाई गई मशीन के माध्यम से फसल के दाने साफ होते हैं और थैले में डालने के लिए दोबारा साफ करने की जरूरत नहीं होती है। मदनलाल कहते हैं कि किसानों का श्रम बचाने के लिए उन्होंने अविष्कार किया और ऐसे कई अविष्कार होना अभी जरूरी है।

वह कहते हैं कि उन्होंने जिस मशीन को बनाया है उसके माध्यम से सारी फसलों को साफ किया जा सकता है। वहीं थ्रेशर के माध्यम से 35 एचपी वाले ट्रैक्टर को भी जोड़ा जा सकता है।

राष्ट्रपति ने की थी मदनलाल की तारीफ

किसान वैज्ञानिक मदन लाल कुमावत को उनकी खोज के लिए राष्ट्रपति भवन से भी आमंत्रण आया और महामहिम दिवंगत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी उनकी इस खोज पर उन्हें बधाई दी थी।

इसके साथ ही फोर्ब्स द्वारा भारत के 7 सबसे शक्तिशाली ग्रामीण किसान भारतीयों की सूची जारी करते हुए मदन लाल कुमावत को भी उसमें शामिल किया गया। वहीं महामहिम राष्ट्रपति ने इन रेजिडेंसेस स्कॉलरशिप के लिए भी मदन लाल कुमावत को चुना।

   
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