तानों और संघर्षो से जीतकर दिव्यांग बेटी पूजा सीमार ने जीते मैडल, हौसलों के उड़ान की कहानी

11वीं की छात्रा पूजा सीमार जो एक बेहतरीन एथलीट है, उसकी दिव्यांगता का लोग मजाक उड़ाते थे। लेकिन पूजा सीमार (Pooja Simar) ने उन सभी का मुंह बंद कर दिया।

पूजा ने अपनी कमजोरी को अपनी मजबूती बनाकर सभी चुनौतियों का सामना करते हुए स्टेट और नेशनल लेवल पर खेलते हुए कई मेडल हासिल किए।

अभी हाल ही में राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Day) पर केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल प्रोग्राम आयोजित करवाया गया था। देशभर से प्रतिभाशाली लड़कियों के साथ – साथ पूजा ने भी इसमें भाग लिया।

कभी नहीं हारी हिम्मत

सीकर के खाटूश्यामजी की रहने वाली पूजा सीमार ने बताया कि वह दिव्यांग है। जब पूजा हरदयाल स्कूल में पढ़ती थी तो उस दौरान उसके स्कूल में दिव्यांग बच्चों की प्रतियोगिता हुई थी। प्रतियोगिता में बच्चों को खेलते देख पूजा के मन में भी हिम्मत जागी और मन में आया मैं भी खेल सकती हूं।

इसके बाद पूजा ने अपने गांव में मिट्टी के धोरों और कच्चे रास्तों पर दौड़ना शुरु कर दिया। पूजा कहती है ‘मुझे दौड़ता देख लोग मेरा मजाक उड़ाते थे। उनके तानों को सुनकर मुझे रोना भी आता था, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। लगातार प्रैक्टिस की और धीरे – धीरे रास्ता आसान हो गया।’

स्टेट लेवल पर मिला खेलने का मौका

2018 में पूजा का जयपुर (Jaipur) में स्टेट लेवल की प्रतियोगिता में चयन हुआ। पूजा ने बताया कि उसके पास उस समय जूते नहीं थे। उसके कोच महेश नेहरा ने उसे नए जूते दिलाए जिसके बाद वो प्रतियोगिता में भाग ले पाई। पूजा की सहेली सरिता ने भी उसके इस सफर में खूब साथ दिया।

पूजा बताती है कि सरिता हर दिन घंटों तक मेरा हाथ पकड़कर दौड़ने में मेरी मदद करती थी। पूजा ने 100 मीटर और 400 मीटर में पहले स्थान पर दो गोल्ड मेडल जीता। पूजा के दो भाई – बहन है। पूजा के पिता सरदार मल और माता चंदा देवी खेती करते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति भी कुछ खास नहीं है।

चोट लगने पर भी नहीं रुके पूजा के पांव

पूजा के कोच महेश नहरा ने बताया कि पूजा नेशनल खेलने के लिए रायपुर गई थी। जहां प्रैक्टिस के दौरान उसे चोट लग गई। लेकिन उसने अपना मनोबल टूटने नहीं दिया और गोल्ड हासिल किया।

खेल के साथ – साथ पढ़ाई में भी माहिर

पूजा अभी 11वीं कक्षा में पढ़ रही है। पूजा के प्रिंसिपल बनवारी लाल ने बताया कि पूजा एथलीट के साथ – साथ पढ़ाई में भी होशियार है। 10वीं कक्षा में पूजा के 78% अंक आए थे। पूजा ने एथलीट में अब तक 8 मेडल जीते है।

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