5वीं पास संतोष देवी के प्रसिद्ध सिंदूरी अनार की ‘मास्टरनी’ की कहानी, कमाती 25 लाख रूपए सालाना

आज एक ऐसी कहानी आपको बताएंगे जिसे सुनकर शायद आप भी अचंभित रह सकते हैं। कहानी हैं राजस्थान के जिले झुंझुनू और राजस्थान की सीमा पर मौजूद गांव बेरी की रहने वाली संतोष देवी की कहानी। संतोष देवी के पास पढ़ाई लिखाई की डिग्री नहीं लेकिन उनके हुनर के दम पर उन्होंने राजस्थान में एक अलग पहचान बना ली है। जब आप गांव बेरी में प्रवेश करेंगे तब आपको एक फार्महाउस नजर आएगा। फॉर्म हाउस का नाम है शेखावटी कृषि फार्म एवं उद्यान नर्सरी रिसर्च सेंटर यह रिसर्च सेंटर चलाती है संतोष देवी। असल में दिल्ली पुलिस के जवान रतिराम की पुत्री संतोष देवी केवल पांचवी कक्षा तक पढ़ी है।

दिल्ली में पांचवी कक्षा तक पढ़ने करने के बाद वह गांव आ गई। गांव में उनका परिवार शुरू से खेती करता था और उन्होंने भी खेती करना शुरू कर दिया। 15 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई। एक समय ऐसा आया कि उनके ससुराल में आर्थिक तंगी आ गई। उनके पति साल 2005 में 3 हजार रुपये की नौकरी किया करते थे। इतने पैसों में घर चलाना संभव नहीं था। इसके बाद साल 2008 में संतोष देवी ने खुद खेती करने की ठानी और अनार की खेती करना शुरू कर दिया। उन्होंने 220 पौधे लगाए जिसका परिणाम उन्हें 2011 में मिला। साल 2011 में इन पौधों में फल देना शुरू कर दिया और पहले ही साल में संतोष देवी को पूरे 3 लाख रुपयों का लाभ हुआ। इसके बाद संतोष देवी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने व्यापार को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया।

आज संतोष देवी सवा एकड़ जमीन पर खेती करती है। वह अनार की खेती करती है और राजस्थान के प्रगतिशील किसानों में शामिल है। उनके अनारो को प्रदेश में सिंदूरी अनार के नाम से जाना जाता है,कारण अनार बेहद लाल होते हैं। उनकी सालाना आय की बात करें तो,वह लगभग 25 लाख रुपए हर साल कमाती है। संतोष देवी को राजस्थान सरकार द्वारा कृषि वैज्ञानिक की उपाधि से भी नवाजा जा चुका है। इसके इनाम स्वरूप उन्हें 1 लाख रुपयों की धनराशि से सम्मानित किया जा चुका है।

बचपन से था खेती का शौक

वह अपनी कामयाबी पर बताती हैं कि उन्होंने बचपन से ही खेती करना शुरू कर दिया था। परिवार खेती करता था तो उन्हें खेती के गुण समझ आ गए थे। वह बताती हैं कि अनार की खेती के लिए खाद सबसे ज्यादा जरूरी चीज है। वह खुद जैविक खाद को तैयार करती हैं, खाद में कीटनाशक के साथ वह गुड मिलाती है। जिससे खेती में कीड़े नहीं लगते।

क्षेत्र के किसान लेते हैं ट्रेनिंग

झुंझुनू जिले के कृषि विभाग के उपनिदेशक रामकरण सैनी बताते हैं कि संतोष देवी पूरे जिले में मशहूर हैं। उनसे क्षेत्र के कई किसान खेती के गुण सीखने आते हैं।
साथ ही एक रोचक किस्सा आपको बताए तो जब संतोष देवी की बेटी की शादी हुई तो उन्होंने शादी में आए बारातीयों को उपहार/जुहारी में 500 अनार के पौधे दिए। संतोष देवी के पास भले ही पढ़ाई की डिग्री मौजूद नही है। लेकिन इसके बावजूद भी वह बदलते जमाने के साथ आज खुद भी बदल रही है। उन्होंने शेखावटी कृषि फार्म के नाम से एक वेबसाइट भी बनाई हुई है। उस वेबसाइट में वह अपनी खेती के गुणों को लोगों के साथ साझा करती हैं। क्षेत्र के व प्रदेश के कई किसान उनकी वेबसाइट को देखते हैं और उनसे खेती करने का गुण सीखते हैं।

संतोष देवी ने साबित किया हैं कि अपने हुनर से दुनिया को जीता जा सकता है। इसके लिए आपको पढ़ाई की डिग्री की नहीं, समझदारी और मेहनत की जरूरत है।

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