अब पापा नहीं, ‘पापा’ की परी के नाम से होगी घर की पहचान,माँ बेटी का सम्मान ~ सीकर में अनोखी पहल

आज हम आपको बताएंगे सीकर जिले में उठाए गए एक बेहतरीन कदम के बारे में, राजस्थान के सीकर जिले में जिला प्रशासन ने एक बेहतरीन कदम उठाया है। जिला कलेक्टर ने महिलाओं और लड़कियों को समान अधिकार दिलाने के लिए इस बेहतरीन कार्य की शुरुआत की है। कार्य क्या है उस बारे में हम आपको बताएं तो सीकर के जिला कलेक्टर ने घरों की बहन और बेटी व मां के नाम से घर की नेम प्लेट लगवाने का निर्णय किया है।

इसका मतलब यह है कि अब सीकर जिले में घरों के बाहर बेटियों और मां के नाम से नेम प्लेट लगाई जाएगी। साथ ही जिला कलेक्टर ने कहा है कि जिले में किसी भी बेटी के जन्म पर उन्हें जिला प्रशासन की तरफ से बधाई भी दी जाएगी।

ADM धारा सिंह मीणा ने यह जानकारी दी है कि किसी भी घर में बेटी के जन्म के बाद संदेश कार्ड सरकारी अस्पताल, आंगनवाड़ी में सीधा पहुंचाया जाएगा। बेटियों को बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए,हिंसा को रोकने के लिए,बेटियों को शिक्षा और समाज में बराबरी की भागीदारी के लिए जिला कलेक्टर द्वारा यह कदम उठाया गया।

मीटिंग में हुई चर्चा

सीकर जिले के ADM धारा सिंह मीणा ने एक मीटिंग की और मीटिंग में इन सभी विषयों पर चर्चा हुई। विषय थे कि किस तरीके से बेटियों को बराबरी का दर्जा दिलाया जा सकता है। इस मीटिंग में कई अधिकारी भी मौजूद थे। उनके बारे में जानकारी हम आपको दे तो सहायक निदेशक महिला अधिकारिता डॉ अनुराधा सक्सेना, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी पूरणमल, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ओम प्रकाश राड़, अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ चौधरी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। मीटिंग में सभी के मत के बाद इस नतीजे तक पहुंचा गया कि सीकर जिले में अब घरों के बाहर बेटी और मां के नाम से नेम प्लेट लगाई जाएगी।

हरियाणा में भी कई जगह लागू है यही नियम

सीकर जिले में बेटियों को पहचान दिलवाने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई है। हम आपको बताएं तो राजस्थान में बेटियों को बराबरी के अधिकार से नहीं देखा जाता है। ऐसे में इस अभियान की शुरुआत करना एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए सही माना जा सकता है। वही जानकारी के लिए आपको बता दें तो हरियाणा में भी ऐसी शुरुआत हो चुकी है।

हरियाणा के झज्जर, बल्लभगढ़, फरीदाबाद आदि कई जिलों में एसडीएम द्वारा इस बात पर विचार करके इस अभियान को लागू किया जा चुका है। अब सीकर जिले में भी इस अभियान को लागू करके बेटियों को बराबरी का अधिकार दिलाने के लिए अभियान शुरू किया गया है।

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