3 सरकारी नौकरियां ठुकरा के बने किसान पद्मश्री सुंडाराम वर्मा, 1 लीटर पानी से बनाई अनोखी तकनीकी

आज एक ऐसे व्यक्ति की बात करेंगे जिन्होंने पर्यावरण को ही अपना जीवन बना रखा है। पेड़ लगाना ही उनका धर्म है। हम बात करें हैं राजस्थान के सीकर के दांता गांव के रहने वाले सुंडा राम वर्मा की। सुंडा राम वर्मा ने साल 1972 में स्नातक तक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने विज्ञान क्षेत्र में पढ़ाई की, उन्होंने बीएससी कृषि में अपनी डिग्री पूरी पढ़ाई की हुई हैं।

पढ़ाई के बाद उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में शुष्क खेती का अध्ययन किया था। आपको बताए उन्होंने इस अध्ययन के बाद एक तकनीक विकसित की, जिसके माध्यम से केवल 1 लीटर पानी में ही पेड़ लगाया जा सकता है। उनकी इस तकनीक को लोगों ने बहुत सराहा और वह भी से प्रेरित होकर अब तक 50,000 से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं।

700 प्रजातियों का अध्ययन कर चुके हैं सुंडाराम

सुंडा राम ने 1 हेक्टेयर के जमीन पर बारिश का पानी इकट्ठा किया। यह पानी लगभग 20 लाख लीटर था, इसके बाद उन्होंने 15 फसलों की 700 से अधिक प्रजातियों का संग्रहण करके संरक्षण किया। यह फसलों थी मिर्ची, चौला, ज्वार, धनिया, काबुली चना और मेथी जैसी 15 फसल। सुंडा राम के कैरियर की बात करें तो वह तीन बार राजकीय सेवा में चयनित हो चुके हैं और तीनों बार उन्होंने सरकारी नौकरी को ठुकरा दिया है।

अनेक देसी व विदेशी पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित  

पुरस्कारों की बात करें तो सुंडा राम को कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। राजस्थान में उन्हें वन पंडित पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। साल 1997 में एग्रो बायोडायवर्सिटी पुरस्कार से भी कनाडा ने उन्हें सम्मानित किया था। 1998 में जगजीवन राम किसान पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया।

इसके अलावा साल 2020 में भारत के सर्वोच्च सम्मान में से एक पद्मश्री से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। 1 2 नहीं राष्ट्रीय स्तर पर 16 पुरस्कारों से अब तक सुंडाराम को सम्मानित किया जा चुका है।

उनका जलवा भारत में ही नहीं विदेशों में भी है। भारत के अलावा अमेरिका और यूरोप में भी वह शोध पत्र पढ़ चुके हैं। उम्र सुंडाराम की ज्यादा हो लेकिन उनका जज्बा अभी भी कम नहीं हुआ है। वह लगातार ऐसे बेहतरीन और अच्छे काम करते जा रहे हैं। सुंडाराम की कहानी वाकई प्रेरणा देने वाली है।

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