22 साल की छोटी उम्र में बनी महिला आईएएस, सीकर की बेटी दबंग IAS स्वाति मीणा की जबरदस्त कहानी

अपनी बॉलीवुड की फिल्म नायक तो जरूर देखी होगी। जिसमें अनिल कपूर जनता के नेता बन कर के एक बेहतरीन काम करते हुए नजर आते हैं। आज की कहानी भी कुछ ऐसी ही हैं। लेकिन यह कहानी नेता नही हैं। हम आपको ऐसी ही एक लेडी और बेबाक आईएएस अफसर की बताएंगे कहानी है जो किसी से नही डरती और जनता की सेवा करती हैं। स्वाति मीणा का जन्म 9 दिसंबर 1984 को सीकर जिले के श्रीमाधोपुर तहसील के गांव बुरना की ढाणी में हुआ।

अपनी प्राथमिक शिक्षा के बाद वह दिल्ली आ गई और दिल्ली में यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने लगी। साल 2008 बैच की आईएएस अफसर स्वाति मीणा उस मैच में सबसे कम उम्र की आईएएस अफसर थी। केवल 22 साल की उम्र में वह कलेक्टर के तौर पर चुनी गई। उन्होंने यूपीएससी के एग्जाम में 260 वी रैंक हासिल की थी।

स्वाति मीणा अपने विभाग की निडर आईएएस अफसर है। उन्हें उनके इलाके में नो वाय’लें’स एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में जाना जाता है। वह स्थानीय नेताओं के प्रेशर में भी नहीं आती। एक बार की बात बताएं तो कांग्रेस के किसी नेता ने उन पर प्रेशर डालने का प्रयास किया। तब स्वाति मीणा ने मुड़कर सिर्फ उनको यही जवाब दिया कि आपको मालूम है कि मैं कौन हूं मैं यहां की कलेक्टर हूं। यही नहीं विधायक रही योगिता बोरकर के पति नंदन सिंह बोरकर को स्वाति मीणा ने अपने कैबिन से बाहर कर दिया था। जिसके बाद वह मीडिया में काफी चर्चा में आई।

स्वाति मीणा 2012 में मंडला के इलाके की कलेक्टर बनी। उनके पति की बात करें तो उनके पति भी 2009 बैच के आईएएस अफसर है। उनका नाम तेजस विनायक है, दोनों की मुलाकात मध्यप्रदेश में काम के दौरान हुई। लंबे समय के रिश्ते के बाद 2014 में दोनों ने शादी कर ली।

स्वाति मीणा की बात करें तो वह न’क्सली इलाकों में फील्ड पर उतरकर समस्या सुनती है तथा उन्हें पूरा करने का प्रयास करती हैं। मध्यप्रदेश में कलेक्टर के तौर पर उन्होंने नर्मदा के रेत और माइ’निंग मा’फिया पर प्रतिबंध लगाया था। साथ ही स्वाति मीणा महिलाओं और बच्चों के बीच जाकर संवाद करती हैं। महिलाओं की समस्या सुनती हैं और प्रयास करती हैं कि उनकी परेशानियों का हल ढूंढा जा सके। स्वाति मीणा इस समय में मध्य प्रदेश राज्य की सहकारी विपणन संघ मर्यादित की एमडी है।

वह हमेशा लोगों के हित के लिए और उनके अच्छे के लिए काम करती हैं। नेताओं के प्रभाव में ना आकर केवल अपने काम से काम रखने वाली स्वाति मीना की कहानी हम सब को प्रेरित करने वाली है।

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