सफाई करने वाले के बेटे ने पूरा किया बाप का सपना, आज पूरे गांव के बच्चों के लिए बना प्रेरणास्त्रोत

जब कोई गरीब आदमी सपने देखता है तो उसे पूरा करने के लिए दिन रात एक कर देता है। गरीब व्यक्ति के पास संसाधन नहीं होते लेकिन उसकी मेहनत और लगन होती है।

आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताएंगे जिसे सुनकर शायद आप एक बार को भावुक हो सकते हैं। ये कहानी है एक ऐसे पिता की है जिसने खुद अपनी आंखों से सपने देखें और उन सपनों को उसके बेटे ने पूरा किया। हम बात कर रहे हैं चंदौली के वसीला गांव के रहने वाले विजेंद्र कुमार की जो झाड़ू लगाने का काम करते हैं और उनके बेटे ने उनका नाम रोशन कर दिया है। उनके बेटे सुजीत इस समय में भारतीय सेना में अफसर बन सेवाएं दे रहे हैं।

झाड़ू उठाकर कहते मेरा बेटा करेगा देश सेवा

विजेंद्र कुमार की बात करें तो वह झाड़ू लगाने का काम करते हैं। वह सुबह उठकर जब झाड़ू उठाया करते थे तो मन में हमेशा यह कहते थे कि उनका बेटा आगे चलकर देश सेवा करेगा। लोगों से भी यह कहते थे कि उनका बेटा एक दिन जरूर देश सेवा करेगा। आज उनके बेटे ने उनके सपने को पूरा कर दिया है।

पढ़ाई के लिए भेजा राजस्थान

विजेंद्र कुमार ने अपने बेटे सूचित को पढ़ाई के लिए राजस्थान भेज दिया जहां उनके बेटे ने पढ़ाई की और अब 21 वर्ष की आयु में देहरादून के इंडियन मिलिट्री एकेडमी से ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है। इस वक़्त वह भारतीय सेना में जाने के लिए तैयार है।

लोगो ने उड़ाया था मजाक

विजेंद्र कुमार बताते हैं कि जब उन्होंने लोगों से बेटे के देश सेवा करने की बात कही तब लोगों ने उनका मजाक बनाया था। लोग हंसकर कहते थे कि ज्यादा बड़े सपने नहीं देखने चाहिए। लेकिन उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने आज उनके सपने को पूरा कर दिया है और पूरे परिवार और देश का नाम रोशन कर दिया।

मां मानती हैं दूसरों के लिए प्रेरणा

सुजीत की मां कहती हैं कि उनका बेटा आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स को ज्वाइन करेगा। वह कहती है कि उनका बेटा दूसरों के लिए प्रेरणा है। वह चाहती है कि उनके बेटे से प्रेरणा लेकर गांव के बच्चे भी भारतीय सेना की तरफ आगे बढ़ें।

आपको बता दें कि विजेंद्र कुमार के चार बच्चे हैं और उनका एक लड़का आईटी में पढ़ रहा हैं। उनकी एक लड़की आईएएस अफसर बनना चाहती हैं और एक बेटी आईआईटी में पढ़ाई करना चाहती है। विजेंद्र कुमार की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणा है। हम देख सकते है कि कैसे एक गरीब बाप का बेटा मेहनत करके अफसर बनने तक का सफर तय कर चुका है।

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