टैक्सी ड्राइवर का नेत्रहीन बेटा बना IAS, 7 बार असफल होने के बाद पूरा किया सपना

दुनिया के तरह-तरह के रंग देखने लिए हम आंखों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन जिनके पास आंखें नहीं होती वह भी इस दुनिया को अपने हिसाब से संजोकर रखते हैं। वह लोग सपने देखते हैं एक हसीन दुनिया के क्योंकि सपने देखने का हक हर किसी को है।

लेकिन कुछ लोगों के सपने पूरा करने का सफर बाकी लोगों के लिए मिसाल बन जाता है, ऐसी ही एक कहानी है बाला नागेंद्रन की जिन्होंने मेहनत के बूते अपने सपने को पूरा किया और एक आईएएस अधिकारी बने।

पिता चेन्नई में चलाते हैं टैक्सी

चेन्नई से ताल्लुक रखने वाले बाला नागेंद्रन ने पिता आर्मी से रिटायर्ड होने के बाद अब टैक्सी चलाते हैं और मां एक हाउसवाइफ है। चेन्नई से उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई तमिल भाषा में पूरी की बीकॉम की डिग्री हासिल कर यूपीएससी की तैयारी में लग गए।

2011 में शुरू किया यूपीएससी का सफर

बाला 2011 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा में बैठे और इसके बाद लगातार 4 सालों तक असफल हुए, उनका चयन 5वीं बार में हुआ लेकिन कम नंबरों के चलते उन्हें आईएएस पोस्ट नहीं मिली।

2019 में हाथ लगी सफलता

2018 में बाला ने एक बार फिर यूपीएससी का एग्जाम दिया औऱ इस बार भी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और वह एक नंबर से पीछे रह गए, आखिरकार 2019 में उन्हें सफलता हाथ लगी और आईएएस के लिए चयन हुआ और उन्होंने 659वीं रैंक हासिल की।

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