अनुदीप दूरीशेट्टी : आखिरी प्रयास में पहली रैंक हासिल कर बने IAS अफसर, बिट्स पिलानी के दिनों में की तैयारी

तेलंगाना के अनुदीप दूरी शेट्टी साल 2017 में ऑल इंडिया में पहली रैंक हासिल कर आईएएस अफसर बने लेकिन उनके पहली रैंक तक पहुंचने का सफर बहुत संघर्ष भरा रहा। आज हम आपको उनकी कहानी बताएंगे कि आखिर किस तरीके से उन्होंने दिन रात एक कर आईएएस बने।

अनुदीप दूरीशेट्टी की पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने तेलंगाना के मेरपल्ली के श्री सूर्योदय हाई स्कूल और श्री चैतन्य जूनियर कॉलेज से पढ़ाई की और इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए राजस्थान के बिट्स पिलानी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रुमेंटल ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

अनुदीप के पिता डॉ मनोहर उत्तरी पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड में सहायक मंडल अभियंता के पद पर हैं और उनकी मां हाउसवाइफ है।

इंजीनियरिंग के दौरान चढ़ा आईएएस बनने का चस्का

अनुदीप शेट्टी जब राजस्थान के पिलानी बिट्स में ग्रेजुएशन कर रहे थे तो उन्हें किसी ने यूपीएससी की परीक्षा के बारे में बताया और अनुदीप ने ग्रेजुएशन के दौरान ही यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया। उन्होंने ठान लिया कि जीवन में बनेंगे तो आईएएस अफसर बनेंगे। साल 2011 में अनुदीप ने बिट्स पिलानी से ग्रेजुएशन पूरा किया।

गूगल में करने लगे नौकरी

साल 2011 में ग्रेजुएशन की डिग्री करने के बाद अनुदीप गूगल की कंपनी में नौकरी करने लगे। वह हैदराबाद में आकर गूगल इंडिया को ज्वाइन कर चुके थे। लेकिन इसी दौरान उन्होंने अपने आईएएस बनने के सपने को भी नहीं छोड़ा और साल 2012 में यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया। अपने पहले प्रयास में अनुदीप पर इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन उसके बाद असफल हो गए।

आखिरी प्रयास में बने आईएएस

साल 2012 में पहले प्रयास में सफल होने के बाद अनुदीप ने हार नहीं मानी। साल 2013 में एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया और इस साल अनुदीप सफल भी हो गए लेकिन थोड़ा रैंक कम आने की वजह से उन्हें इंडियन रिवेन्यू सर्विस मिला और उन्हें वह कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज ऑफिसर के तौर पर भर्ती हुए।

2013 में आईआरएस बनने के बाद भी अनुदीप ने आईएएस बनने का सपना नहीं छोड़ा और तैयारी करते रहे। इसके बाद अनुदीप नौकरी के दौरान ही यूपीएससी की तैयारी करते थे और लेकिन उन्हें अपने तीसरे और चौथे प्रयास में असफलता हाथ लगी।

लेकिन अनुदीप ने इससे भी हार नहीं मानी और आखरी प्रयास को भी देने का फैसला किया। साल 2017 में उनकी मेहनत रंग लाई और अनुदीप दूरीशेट्टी भारत के यूपीएससी की परीक्षा में पहले नंबर पर आने वाले छात्र बने।

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