अयोध्या में श्रीराम मंदिर के जमीन खरीद के मामले में विपक्ष ने लगाए आरोप, आखिर सच क्या ?

अयोध्या में राम मंदिर का मामला एक बार फिर सियासी गलियों में तूल पकड़ रहा है। हम आपको बताएं राम मंदिर ट्रस्ट पर जमीन खरीदी के आरोप लगाए जा रहे हैं। विपक्षी नेता आरोप लगा रहे हैं कि राम जन्म भूमि ट्रस्ट ने जमीन खरीदारी में कई करोड़ रुपए का घोटाला किया है। देश में विपक्ष के आरोप लगाने के बाद कई लोगों इस मामले पर अपनी राय रखी है और इस लेख में जानेगे पूरा सच !

आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करके राम मंदिर ट्रस्ट पर घोटाले के आरोप लगाए है। 13 जून को प्रेस कांफ्रेंस करके उन्होंने श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर राम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन पर घोटाले के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जमीन कीमत 2 करोड़ रुपये है, केवल 10 मिनट बाद यह जमीन 18 करोड़ से ज्यादा की हो गई। राम मंदिर जन्मभूमि ट्रस्ट ने 10 मिनट में जमीन का भाव 9 गुना करके जमीन को खरीदा है।

पूर्व विधायक का भी आरोप 

पूर्व विधायक और अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रहे समाजवादी पार्टी के नेता नारायण पांडे उर्फ पवन पांडे ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के ट्रस्ट पर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि घोटाले का सिलसिला चल निकला है। मंदिर ट्रस्ट ने लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। जमीन की कीमत का भाव 9 गुना करके कई करोड़ का घोटाला किया है।

राहुल गांधी ने भी लगाए आरोप 

वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी राम जन्म भूमि ट्रस्ट पर बड़े आरोप लगाए हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने ट्रस्ट पर जमीन खरीदने के घोटाले के आरोप लगाए हैं। सभी ने सरकार और विश्व हिंदू परिषद को घेरते हुए कहा है कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने जमीन खरीद पर करोड़ों का घोटाला किया है। लेकिन अब एग्रीमेंट करने वाले सुल्तान अंसारी ने एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा कि जो आरोप जन्म भूमि ट्रस्ट पर लगाए जा रहे हैं, वह सरासर गलत और झूठे हैं। उन्होंने कहा कि कुसुम पाठक के साथ उनका एग्रीमेंट 2011 से चल रहा था। 2011 में उन्होंने कुसुम पाठक से जमीन 2 करोड रुपए में खरीदी थी। 4 बार उनका एग्रीमेंट रिन्यूअल हुआ था।

सुल्तान अंसारी ने कहा कि वे खुद भी राम में आस्था रखते हैं। जमीन की अगर असली कीमत नापी जाए तो 24 करोड़ रुपये के आसपास है। लेकिन उन्होंने राम जन्मभूमि ट्रस्ट को जमीन केवल 18.5 करोड़ में दे दी है।

मेयर ने भी दिया अपना बयान

अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने भी अपना बयान दिया है उन्होंने कहा है कि वह खुद इन सब चीजों को बारीकी से देख रहे थे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर आरोप लगाना सरासर गलत है। कुछ लोग साजिश और राजनीति के लिए ऐसा कर रहे हैं।

विश्व हिंदू परिषद करेगा केस

वही विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कांग्रेस पार्टी और सांसद संजय सिंह के साथ पूर्व विधायक पवन पांडे के ऊपर मानहानि का केस करने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा है कि अगर इन सभी नेताओं ने माफी नहीं मांगी तो ,वह इन नेताओं पर केस करेंगे।

झूठी बात पर ध्यान न दे राम भक्त 

वही राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने भी अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जमीन रेलवे स्टेशन के पास है। खरीदारों से जमीन खरीदने से पहले बात की गई थी। 1.20 हेक्टेयर की यह जमीन है और इस जमीन को वहां के मालिकों की सहमति के बाद ही खरीदा गया। जमीन की कीमत 1423 रुपये प्रति वर्ग फुट तय की गई थी। तय की गई कीमत बाजार के असल मूल्य से बेहद कम है।

उन्होंने कहा कि सारा पैसा बैंक से सीधा ट्रांसफर किया जा रहा है। साथ ही सरकार के द्वारा लगाए गए कर का भी भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वालों को पहले ट्रस्ट के अधिकारियों से तथ्य जान देने चाहिए थे। आरोप लगाने वाले लोग केवल भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। साथ ही चंपत राय ने राम भक्तों से अपील की है कि किसी भी झूठी बात पर विश्वास ना करें। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण चल रहा है और जल्द ही संपन्न होगा।

सीबीआई की जांच की मांग

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन का मामला एक बार फिर गरमा गरमी पकड़ रहा है। लगातार विपक्ष नेता जन्म भूमि ट्रस्ट पर आरोप लगा रहे हैं। सरकार को भी इस मामले में घेरा जा रहा है। विपक्षी नेता इस मामले में सीबीआई और ईडी की जांच करने की अपील कर रहे हैं।

मामला कब शांत होता है यह देखने वाली बात होगी, लेकिन उससे पहले हम आपको बता दें कि साल 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं।

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