भारत की शान है वंदना कटारिया, मुश्किलों भरा रहा ओलंपिक में इतिहास रचने वाली बेटी का सफर

टोक्यो ओलंपिक के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम की जबरा खिलाड़ी वंदना कटारिया  किसी परिचय की मोहताज नहीं रही है, देश का हर नागरिक वंदना के बारे में जानता है। वंदना ने ओलंपिक खेलों में हॉकी टीम का हिस्सा बनकर देश का मान बढ़ाया है।

ओलिंपिक से इतिहास रचकर हाल में वंदना देश लौटी तो उनका जबरदस्त स्वागत हुआ और गाजे-बाजे के साथ जश्न मनाया गया। वंदना अपनी मां से मिलते ही फूट-फूट कर रोने लगी. बता दें कि वंदना के ओलंपिक में जाने के दौरान उनके पिता का साया उनके ऊपर से उठ गया था।

2013 में भारत की तरफ से सबसे अधिक गोल करने वाली प्लेयर से लेकर ओलंपिक तक का वंदना का सफर आसान नहीं रहा, काफी मुश्किलें पार कर वंदना इस मुकाम तक पहुंची है, आइए जानते हैं वंदना के सफर के बारे में।

हालांकि ओलंपिक में महिला हॉकी टीम कोई भी पदक जीतने में नाकामयाब रही लेकिन महिला खिलाड़ियों ने कितनों का ही दिल जरूर जीत लिया। वहीं वंदना कटारिया ने जूनियर महिला विश्व कप में इससे पहले कांस्य पदक जीता था जहां वो तीसरी सबसे अधिक गोल करने वाली खिलाड़ी भी रह चुकी है।

उत्तर प्रदेश में 15 अप्रैल 1992 को पैदा हुई वंदना को शुरू से खेलों का शौक तो था लेकिन संसाधनों के अभाव में वह शुरूआती दिनों में खेल नहीं सकी। वंदना के पिता नाहर सिंह भेल में काम करते हैं। हालांकि वंदना का परिवार हरिद्वार के रोशनाबाद गांव से आता है।

लगातार निखरता गया वंदना का खेल

वंदना ने अपने हॉकी करियर की शुरूआत साल 2006 में जूनियर इंटरनेशनल कॉम्पिटीशन में शामिल होकर की जिसके कुछ ही सालों बाद वह सीनियर इंटरनेशनल कॉम्पिटीशन में खेलने गई।

वहीं 2013 के दौरान वंदना कटारिया ने जूनियर वर्ल्ड कप में भी हिस्सा लिया और कांस्य पदक जीता था. यही नहीं साल 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों के दौरा ग्लासगो में भी उन्होंने टीम के साथ जीत हासिल की और अपना नाम बुलंद किया. इसके बाद साल 2016 के दौरान वंदना ने रियो ओलंपिक में हिस्सा लिया था जहां भारतीय महिला टीम का नेतृत्व भी किया. उन्होंने साल 2016 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान सुशीला चानू का किरदार निभाया था.

साल 2016 में 23 नवम्बर से 30 नवम्बर के दौरान मेलबर्न में वंदना कटारिया को खेल में उनके प्रदर्शन के लिए नेशनल टीम का कप्तान बनाया गया था. ओलंपिक में भारतीय महिया हॉकी टीम में वंदना कटारिया ने अहम भूमिका निभाई।

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