आंखों की रोशनी जाने के बाद बुलंद हौंसलों से बने IAS K. Lalit, मां ने बनाए नोट्स, पिता ने बंधाई हिम्मत

IAS K. Lalit

IAS K. Lalit जिनके सपनों में मंजिल पाने की ताकत होती है वो पाताल से खोदकर आसमान तक नाप देते हैं क्योंकि उन्होंने डगमगाना आता ही नहीं है। जी हां, हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शख्स की जिन्होंने अपनी मेहनत से दृष्टिहीन होने के बावजूद आईएएस जैसा मुकाम हासिल कर समाज के सामने एक मिसाल पेश की। IAS K. Lalit  2019 बैच के आईएएस अफसर हैं जिनकी बहुत कम उम्र में आंखों की रोशनी चली गई।

 

 

दवा खाने के बाद हुए रिएक्शन में चली गई रोशनी IAS K. Lalit

IAS K. Lalit की जिंदगी में पैदाइशी अंधेरा नहीं था लेकिन 8वीं क्लास के आस-पास एक दवा खाने से उनको ऐसा रिएक्शन हुआ कि वह आंखों की रोशनी खो बैठे। 8वीं क्लास के बाद उनकी आंखों की रोशनी इतनी कम हो गई कि उनके लिए कुछ लिखना भी मुश्किल हो गया था।

 

 

सामान्य स्कूल से की पढ़ाई IAS K. Lalit

IAS K. Lalit  ने स्कूली दिनों से ही मुश्किलों का सामना किया जहां स्कूलों में शिक्षक उन्हें पढ़ाने से मना कर देते थे। पिता के तमाम प्रयासों के बाद आखिरकार पिता ने किसी स्कूल में उनका एडमिशन करवा दिया, लेकिन सवाल अब भी बरकरार था कि आखिर एक दृष्टिहीन बच्चा कैसे पढ़ाई करेगा ?

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माता-पिता ने न्यौछावर कर दी बेटे पर जिंदगी IAS K. Lalit

8वीं से ही दृष्टिहीन होने के बाद IAS K. Lalit के माता-पिता ने उनका हर मोड़ पर साथ दिया। बचपन से ही उनकी माता ने एक शिक्षक की तरह बेटे का ध्यान रखा। ललित की मां ने पढ़ी-लिखी होने के बावजूद कोई नौकरी किए बिना अपने बेटे को पढ़ाया।

आखिरकार मिली सफलता IAS K. Lalit 

2018 में दृष्टिहीन होकर भी IAS K. Lalit  ने पीएच श्रेणी में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में सफलता हासिल की और 2019 बैच के आईएएस अधिकारी बने। ललित ने अपनी सफलता का श्रेय अपने मां-बाप को दिया। वो हमेशा एक ही बात कहते हैं कि वह संघर्ष और कभी हार ना मानने के एटिट्यूड के कारण आज इस जगह पहुंचे हैं।

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