क्या मिस्र की प्राचीन ममियां आज भी हो सकती है जिन्दा, तूतनखामेन की रहस्यमयी कब्र का रहस्य

नई दिल्ली : मिस्त्र देश की ममी (Mummy) के बारे में कौन नहीं जानता होगा। इससे जुड़ी कहानीयां और कई फिल्में हमने सुनी और देखी होंगी। इजिप्ट (Egypt) के पिरामिडों में दफन ये ममी अपने भीतर कई रहस्य समेटे है। और उन रहस्यों में सबसे बड़ा सवाल है क्या आज भी जिंदा है ममियां? ये सवाल जीतना बड़ा है उतना ही खतरनाक भी। और आज इसी कड़ी में हम इन रहस्यमयी ममियों के बारे में जानेंगे जिन्हें लेकर अकसर कई अजीबोगरीब दावे किए जाते हैं।

क्या फिर हुई ममी के जीवन की शुरुआत

आपने मिस्त्र की फराओं (Pharaoh) के बारे में तो सुना ही होगा। ये प्रचीन समय में अपने आप को तितलीयों से जोड़ते थे। उनका मानना था कि जिस प्रकार एक तितली जन्म के समय निंद्र के दौरान एक कोकून में रहती है और उठने के बाद वह तितली बनती है। यही कारण है कि फराओ के मरने के बाद उन्हें एक विशष प्रकार का लेप लगा कर और कोकून की तरह पट्टी बांध कर एक ताबूत में बंद कर दिया जाता था। ताकि तितली की तरह उनके जीवन की एक नई शुरुआत हो सके। आज दुनियां भर में इजिप्ट की यह ममी विश्व भर में लोकप्रिय हैं।

कौन थे फराओ?

फराओ एक उपाधि है जो प्राचीन काल में धार्मिक एवं राजनीतिक नेताओं को दी जाती थी। मरने के बाद इनकी लाश को ताबूत में बंद करके पिरामिड में दफनाया जाता था। यही कारण है कि मिस्त्र के कई महान राजाओं एवं गुरुओं को ममीफिकेशन करके रखा गया था।

इन सभी ममियों को पिरामिड में रखा जाता है। पिरामिड में इन ममियों को रखने के पिछे यह वजह थी कि पिरामिड ही एकमात्र ऐसा स्थान है जिसके सभी कोण एक बराबर है। सभी कोण बराबर होने के कारण वहां एक खास तरह की ऊर्जा रहती है, जो इन ममियों की रक्षा करती है।

कौन था तूतनखामेन?

हालांकि ममियों को लेकर जिज्ञासा तो सभी के मन में रहती है लेकिन किंग तूतनखामेन (Tutankhamun) की ममी को लेकर जो जिज्ञासा लोगों और पुरातत्विदों के मन रहती है वो शायद ही किसी और ममी के लिए होगी। एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ कि किंग तूतनखामेन मात्र 9 साल की उम्र में ही राजा बन गए थे और 19 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई। उनकी गिनती उन्हीं गिने – चुने सम्राटों में की जाती थी जिन्हें मिस्त्र वासी देवता मानते थे।

तूतनखामेन की ममी ने लोगों को उतारा मौत के घाट!

1929 में ब्रिटिश के एक पुरातत्ववेत्ता हॉवर्ड कार्टर (Howard Carter British archaeologist) ने तूतनखामेन (Tutankhamun) की ममी को ढूंढ़ा था। ऐसा मानना है कि जिस किसी ने इन ममियों के साथ छेड़ – छाड़ की है उसकी किसी न किसी रहस्यमयी ढ़ग से मौत हो गई हैं। यही कारण है जब तूतनखामेन का मकबरा ढूंढा गया था तो उस दौरान काफी लोग डरे हुए थे।

क्या आज भी जिंदा है ममियां ?

स्थानिय लोगों का ऐसा मानना है कि इन पिरमिडों के पास रात के समय कई ममियां घूमती हैं। इतना ही नहीं कई लोगों का तो यह भी कहना है कि उन्होंने रात के समय किंग तूतनखामेन को देखा है। हालांकि ममियां आज भी जिंदा है या नहीं इस रहस्य को आज तक कोई नहीं सुलझा पाया। बस यही दावा किया जाता है कि पिरामिडों के पास आज भी कई ममियों की आत्मा को भटकते देखा गया है। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो कोई नहीं जानता।

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