ननंद को गो’बर खिलाने वाली भाभी की अनूठी कहानी, Maa Bibi Rani Mandir का अद्भुत रहस्य
अलवर

ननंद को गो’बर खिलाने वाली भाभी की अनूठी कहानी, Maa Bibi Rani Mandir का अद्भुत रहस्य

Maa Bibi Rani Mandir

Maa Bibi Rani Mandir : भाई-बहन के बीच में, वह बद नुमा दाग थी। ग्वालिन के भेष में, वह दुर्गा रूपी आग थी। दोस्तों आज मैं आपको एक ऐसी अनोखी कहानी सुनाने जा रहा हूं जिसमें एक भाभी अपनी ननद को कितनी यातनाएं देती है। और किस प्रकार भाभी सहन करती है और अपने भाई को भी नहीं बताती है लेकिन आखिर में जब राज खुलता है तब क्या होता है।

ग्यारह सौ वर्ष पहले की बात है। जब यह अलवर (Alwar) शहर बिलोना (Bilona) शहर के नाम से जाना जाता था। उस समय यहां पर ठाकुर जोरावर सिंह नाम के एक व्यक्ति रहते थे। ठाकुर साहब के दो संतान थी। एक लड़का जिसका नाम बुध सिंह था।बुध सिंह को शाही सेना में बड़े ओहदे की नौकरी मिल गई थी।

एक लड़की जिसका नाम रानी कुंवर था। उस समय लड़कियों के लिए पढ़ाई का चलन नहीं था। इसलिए पशुपालन उनका मुख्य कार्य था।रानी एक ग्वालिन का काम करती थी।
बुध सिंह का रिश्ता भरतपुर क्षेत्र में हुआ। जहां पर बृज भाषा में ननंद को बीबी कहते हैं। जब भाभी घर में आ गई, तो भाभी, रानी को बीबी रानी के नाम से पुकारने लग गई। बुध सिंह की शादी के बाद उनके माता-पिता दोनों गुजर गए। इसलिए रानी की पूरी देखभाल का जिम्मा भाई भाभी के ऊपर आ गया।

सभी ग्वाले जंगल में गाएं चराते थे। दोपहर के समय एक ग्वाला सभी के घर से खाना लेकर जाता था। रानी बाई के लिए जो खाना भाभी देती थी, उस खाने में बहुत भेदभाव करती थी। अर्थात गोबर की रोटी बनाकर उसके ऊपर आटे से निकला हुआ चॉपर चिपका कर रोटी सेक कर बांध देती थी। रानी बाई में ईश्वरीय शक्ति थी। वह खाना नहीं खाती थी लेकिन जो खाना भाभी भेजती थी, उससे बड़ा बटोडा तैयार कर लिया।

Maa Bibi Rani Mandir : बारह महीने बाद में जब भाई घर पर छुट्टी आया। तो भाई ने कहा कि आज मेरी बहन के लिए खाना मैं लेकर जाऊंगा। तो भाभी ने खीर चूरमा पकवान बनाकर बीबीरानी (Maa Bibi Rani Mandir) के लिए पैक कर दिया।जब भाई बहन के पास में खाना लेकर पहुंचा, तो दोनों में काफी देर तक बातें हुई। आपस में मिले। बाद में खाना निकाल कर दिया तो बहन ने कहा कि यह मेरा खाना नहीं है भाई। भाई ने कहा कि आपका खाना कौन सा है तो बीबीरानी में बटोडा की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि वह है मेरा खाना।

उसी समय भाई अपने घर की तरफ दौड़ा, तो बहन ने सोचा कि मुझे भाई को रोकना चाहिए नहीं तो आज भाई का घर टूट जाएगा। जैसे ही बहन चलने लगी तो जमीन फट गई और बहन उसमें समा गई। सभी ग्वालों ने भाई को आवाज लगाई कि आपकी बहन जमीन में समा गई है। तो भाई दौड़कर वापिस आया। तब तक बहन पूरी जमीन में धंस चुकी थी। केवल चोटी बाहर थी। भाई भी वहीं पर बैठकर तपस्या में लीन हो गया और कभी घर नहीं गया।

बिलोना शहर व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र था। पुराने जमाने में व्यापार बैल गाड़ियों के द्वारा एक देश से दूसरे देश में होता था। एक बार की बात है जब बहुत से बंजारे केशर से भरी हुई गाड़ियां लेकर जा रहे थे तो एक वृद्ध बंजारे को एक बालिका उसी पहाड़ी पर मिली। बालिका ने पूछा कि बाबा इसमें क्या है। तो वृद्ध बंजारे ने सोचा की बच्ची केसर के बारे में क्या जानती है, इसलिए ज्यादा बातें न करते हुए, झूठ ही कह दिया कि बेटा इसमें नमक है।

जब बंजारा अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचा और केसर की बोरी को खोला तो उसमें नमक भरा हुआ था। बंजारा और उसका बेटा दोनों बहुत चिंतित हुए। बहुत दुखी हुए। कि हम यह घाटा कैसे सहन करेंगे। उसी समय बंजारे को पहाड़ी पर मिली लड़की की बात याद आ गई और दोनों दौड़े-दौड़े वहीं पर आए।वहां आकर जोर से आवाज लगाई कि यदि तुम शक्ति हो तो सामने प्रकट होवो और हमारा घाटा पूर्ति करो, नहीं तो हम दोनों यहीं पर जान दे देंगे।

दूसरी तरफ से आवाज आई कि जिस बोरे को खोल लिया वह तो नमक ही रहेगा। लेकिन बाकी बोरों में केशर मौजूद है। और बहुत महंगे दामों में बिकेगी। आपको बहुत फायदा होगा और वही हुआ। बाकी बची हुई केसर में उनको हजार गुना फायदा हुआ। और रातों-रात आकर पहाड़ी पर बहुत लंबा चौड़ा रास्ता बना कर गए। जहां पर मंदिर का निर्माण किया गया। बहुत दिनों तक मंदिर में रात्रि के समय सुनने वालों को बांसुरी की आवाज सुनाई देती रही।

एक बार किसी ग्वाले ने जोर से आवाज सुनी कि यहां पर मेरी मूर्ति लाकर रखो। तो बहुत से लोग इकट्ठे होकर आए और कहा कि हम इतना धन कहां से लाएं।तो आवाज आई कि आपको आगे जाओ, एक थाली मिलेगी। जो लाल कपड़े से ढकी हुई है। उसके अंदर हाथ देकर जितना आप खर्च करना चाहो उतना खर्च कर लेना।कभी खत्म नहीं होगा। वहां पर बहुत बड़ा मंदिर का निर्माण कर बीबी रानी की मूर्ति रखी गई। एक तालाब और भंडारे का आयोजन किया गया।

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उस दिन से यह मान्यता है कि बुधवार के दिन उस तालाब में स्नान करने से लोगों के शारीरिक कष्ट दूर होते हैं। और मांगी गई मन्नत पूरी होती है। वहां पर राधा कृष्ण जी की मूर्ति और हनुमान जी की मूर्ति भी विराजमान है।

बोलो बीबी रानी की जय।

अपने विचार।
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जीवन ऐसा वृक्ष निराला,
जो प्यार से सींचा जाता है।
नहीं तो इसमें बोझ है इतना,
कोई नहीं खींच पाता है।

विद्याधर तेतरवाल,
मोतीसर।

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