राजस्थान का ऐसा मंदिर जहाँ हनुमान जी ने तोडा भीम का घमंड, भीम ने गदा से तोड़ डाला था पहाड़ : Pandupol Mandir
अलवर

राजस्थान का ऐसा मंदिर जहाँ हनुमान जी ने तोडा भीम का घमंड, भीम ने गदा से तोड़ डाला था पहाड़ : Pandupol Mandir

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Pandupol Mandir : दोस्तों आज मैं आपको ऐसे स्थान पर ले चलता हूं। जहां पर पांडवों ने अज्ञातवास के समय अलवर के सुनसान जंगल में गदा से रास्ता बनाया था। वह स्थान आज पांडुपोल (Pandupol) के नाम से प्रसिद्ध है। यह स्थान अलवर (Alwar) के पास में सरिस्का अभ्यारण (Sariska Sanctuary) में स्थित है।

खुशबू ने वहां पर आए हुए दर्शनार्थियों से जब पूछा कि आप कहां से आए हैं तो उन्होंने कहा कि हम हरियाणा (Hariyana) से आए हैं। और यहां पर हमने हनुमान जी का मंदिर (Hanuman Ji Ka Mandir) देखा है। हमको बहुत अच्छा लग रहा है यहां पर किसी ने बताई की भीम की शीला है तो उसको देख कर आए है।

जब खुशबू ने पूछा कि आप अब और कहां जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि हम यहां पर करण अर्जुन की जो पिक्चर बनी है, उस दुर्जन सिंह की हवेली को देखने के लिए जा रहे हैं ।और यहां आकर हमको राजस्थान (Rajasthan) में बहुत अच्छा लगता है यहां के व्यक्ति सरल स्वभाव के मृदु भाषी हैं। उन्होंने कहा कि हम स्टूडेंट की टोली है। पॉकेट मनी से जितना काम चला तो चला लिया और अब सीधे घर जाएंगे। जब पॉकेट मनी और इकट्ठी हो जाएगी तो फिर घूमने के लिए चले आएंगे।

यहां पर लेटे हुए हनुमान (Hanuman Ji) की मूर्ति के बारे में पूछने पर पंडित जी ने कहा कि जब पांडवों को अज्ञातवास हुआ था। तो उन्होंने विराटनगर नौकरी पर जाने के लिए रास्ता ढूंढा लेकिन जब रास्ता नहीं मिला तो उन्होंने पहाड़ तोड़कर रास्ता बनाया। उस समय भीम को अपनी ताकत के ऊपर बहुत ज्यादा अभिमान हो गया था।

Pandupol Mandir : तब हनुमानजी ने सोचा कि इसके अभिमान को खत्म किया जाए, यह अच्छा नहीं है। तब हनुमानजी रास्ते पर लेट गए तब भीम ने कहा कि ऐ बंदर रास्ते से हट। तब हनुमान जी ने कहा कि मैं तो बूढ़ा बंदर हूं, आप मेरे को थोड़ा सा हटा दो। भीम की पूरी ताकत से हनुमान जी की पूंछ भी नहीं हटी। तब उन्होंने अपनी भूल स्वीकार करते हुए कहा कि हे बलशाली वीर मुझे आपका परिचय दो। और मुझे क्षमा करो। तब हनुमानजी ने उसको दर्शन देकर उसकी ताकत का अभिमान तोड़ा था। यहां पर भादवा में बड़ा मेला लगता है। और बैसाख में छोटा मेला लगता है। वर्ष में दो मेले लगते हैं।

वहां पर आए हुए दर्शनार्थियों ने शिकायत करते हुए कहा कि यहां पर पहले सड़क बहुत अच्छी बनी हुई थी। लेकिन अब बिल्कुल टूट चुकी है। जो कि आने वालों के लिए एक समस्या का विषय है। हम सरकार से यह निवेदन भी करते हैं कि जो कार वालों से ₹300 और मोटरसाइकिल वालों से ₹50 की वसूली कर रहे हैं वह गलत है। इसको बंद करवाया जाए।

भीम ने जब गदा हिलाई, छेद निकला पहाड़ में।
सुनसान सा जंगल था वो, शेरों की दहाड़ में।

राजस्थान का अनोखा मंदिर जहाँ होती शादी की मन्नत पूरी

अपने विचार।
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सुंदरता सुख देती है,
सुंदर स्थान बनाओ।
मानव मन को भाए ऐसी,
सुंदर नीति बनाओ।

विद्याधर तेतरवाल,
मोतीसर।

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